Sunday, September 16, 2012

आज...

एक किरण सूरज की जो तुम्हे लुभाए,
और एक लकीर सी राह जो टेढ़ी ही सही,
मंजिल तक ले जाए,
एक आवाज़ जो दिल से निकले,
और दिल ही सुने,
एक सुर जो दिल ही बजाये,
एक गीत जो दिल की गहराइयों से आये,
एक गीत जो दिल गाना चाहे,
बस सुनो उस आवाज़ को,
गुन्गुनाओं उस गीत को,
आज वही करो जो दिल चाहे.

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